A Young woman and man sex in society: समाज में सादी सुधा महिला के विचार🤔:-
संभोग का आनन्द प्राप्त करते ही एक जवान स्त्री अपवित्र हो जाती है,जबकि पुरुष इस समाज में हमेशा ही पवित्र रहता है
मेरी शादी 23 साल की उम्र में हुई थी। मेरे पति, आरव, न केवल एक मिलनसार व्यक्ति थे बल्कि एक आदर्श जीवनसाथी भी थे। आरव का कहना था, “प्यार, रोमांस और शारीरिक आकर्षण तो समय के साथ कम हो सकते हैं, लेकिन दोस्ती और साथ हमेशा कायम रहना चाहिए।” उनकी इस सोच ने मुझे उनके और करीब ला दिया।
शादी के बाद जब मैं ससुराल गई, तो चूल्हे की रस्म में मीठा बनाने की जिम्मेदारी मिली। घबराहट के कारण मैंने हलवा खराब बना दिया। मेरी सास ने बिना कुछ कहे हलवा लेकर भगवान को भोग लगाया और तुरंत नया हलवा बनाने में मेरी मदद की। फिर सबके सामने कह दिया, “बहू ने बहुत मेहनत की है, अब खाकर बताओ कैसा लगा।” उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मेरा ससुराल सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि मेरा अपना परिवार है।
आरव के मम्मी-पापा भी उनसे कम नहीं थे। मेरे जन्मदिन के दिन, जब आरव ने मेरे लिए सरप्राइज प्लान किया, तो वह खुद फूल लेने गए। लेकिन दुर्भाग्यवश, सड़क दुर्घटना में उनकी जान चली गई। उनकी अचानक हुई मृत्यु ने मेरे जीवन को गहरे सदमे में डाल दिया। यह हादसा मेरे और मेरे ससुराल वालों के लिए एक ऐसा घाव था जो कभी भर नहीं सकता।
सास-ससुर ने मेरी हर संभव मदद की। उन्होंने मुझे समझाया कि मैं अभी 27 साल की हूं, और अपनी जिंदगी को फिर से बसाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन समाज ने मेरा दर्द नहीं समझा।
आज समाज विधवा या तलाकशुदा महिलाओं को संदेह और तिरस्कार की नजरों से देखता है। समाज उस महिला को तो तुरंत स्वीकार कर लेता है जो शादी से पहले कई रिश्ते बना चुकी हो, लेकिन उसी समाज को एक विधवा को दूसरा मौका देने में हिचकिचाहट होती है। विधवा महिलाओं को शादी के लिए उम्रदराज पुरुष मिलते हैं, जबकि किसी पुरुष के पत्नी के निधन के बाद उसे तुरंत नई दुल्हन मिल जाती है।
यह भेदभाव मेरे जैसे कई महिलाओं के लिए चुनौती बन गया है। शादी के बाद पति-पत्नी के बीच जो भी संबंध होते हैं, वह उनके प्यार और रिश्ते का हिस्सा होते हैं। फिर क्यों एक विधवा को समाज में अपमान और अस्वीकार का सामना करना पड़ता है?
समाज को अपने नजरिए में बदलाव लाना होगा। हर महिला को अपने जीवन को नए सिरे से शुरू करने का अधिकार मिलना चाहिए। यह जरूरी है कि हम महिलाओं को सिर्फ उनके वैवाहिक या व्यक्तिगत इतिहास से न आंकें। हर किसी को एक खुशहाल जीवन का अधिकार है।
In English language translation:-
A young woman becomes impure as soon as she enjoys sex, while a man always remains pure in this society.
I got married at the age of 23. My husband, Aarav, was not only a friendly person but also an ideal life partner. Aarav used to say, “Love, romance and physical attraction may fade with time, but friendship and togetherness should last forever.” This thought of his brought me closer to him.
When I went to my in-laws’ house after marriage, I was given the responsibility of making sweets in the Chulha ritual. Due to nervousness, I made a bad Halwa. My mother-in-law took the Halwa without saying anything, offered it to God and immediately helped me make a new Halwa. Then in front of everyone, she said, “Bahu (daughter-in-law) has worked hard, now tell me how it tasted after eating it.” That day I realized that my in-laws’ house is not just a house, but my own family.
Aarav’s parents were no less than them. On my birthday, when Aarav planned a surprise for me, he himself went to get flowers. But unfortunately, he lost his life in a road accident. His sudden death shocked my life. This accident was a wound for me and my in-laws that can never be healed.
My in-laws helped me in every possible way. They explained to me that I am just 27 years old, and should try to rebuild my life. But the society did not understand my pain.
Today, society looks at widowed or divorced women with suspicion and contempt. Society immediately accepts a woman who has had many relationships before marriage, but the same society hesitates to give a second chance to a widow. Widowed women get older men for marriage, while a man immediately gets a new bride after the death of his wife.
This discrimination has become a challenge for many women like me. Whatever relationship happens between husband and wife after marriage is a part of their love and relationship. Then why does a widow have to face humiliation and rejection in society?
Society needs to change its attitude. Every woman should get the right to start her life afresh. It is important that we do not judge women only on the basis of their marital or personal history. Everyone has the right to a happy life.
In Hinglish language translation:-