24 may inspirational story and thoughts in hindi

  • 2️⃣4️⃣❗0️⃣5️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

    *!! संत की सरलता !!*
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    एक गांव में एक संत निवास करते थे। संत का व्यवहार बहुत ही सरल, ज्ञानी, कर्तव्यनिष्ठ, शांत था। संत के इस व्यवहार से बच्चे बहुत ज्यादा खिल्ली उड़ाते रहते थे, लेकिन कभी संत बुरा नहीं मानते।

    अपने इस व्यवहार के कारण संत का स्वभाव आसपास में मशहूर था। गांव के लोग अपनी समस्या भी संत के पास लेकर आते और उचित मार्गदर्शन से संतुष्ट भी होते थे। इन सभी व्यवहार के कारण बच्चे-बूढ़े सभी के लिए चहेते भी थे।

    एक बार बच्चों को कुछ शैतानी सूझी। बच्चों ने संत के साध्वी को जाकर भड़काया कि संत बाबा को आज बहुत सारा गन्ना मिला है, पर पता नहीं आपके पास आते आते आपके लिए बचा पाएंगे कि नहीं, सभी को रास्ते में बांटते आ रहे हैं।

    संत की साध्वी थोड़ा झगड़ालू व चिड़चिड़ा प्रवृत्ति की थी, तब तक संत अपने कुटिया की ओर पहुँच गए। बच्चे शीघ्रता से छिप गए, परंतु साध्वी संत के हाथों में मात्र एक ही गन्ना देखकर गुस्सा से आगबबूला हो गई और गुस्से से बोली कि मात्र एक ही गन्ना लेकर आये हो, (गन्ना छीनकर) जाओ इसे भी किसी को बांट दो कहकर फेक दिया, जिससे गन्ना दो टुकड़ा हो जाता है। संत जी ये देखकर शांति से बोलते हैं कि तुम्हारा भी कोई जवाब नहीं, कितना सुंदर बराबर दो भाग में टुकड़ा किये हो। चलो मैं स्नान कर के आता हूं फिर गन्ना खाएंगे।

    इस प्रकार संत के स्वभाव से साध्वी का गुस्सा शांत हो जाता है और बच्चे अपने शरारती स्वभाव पर लज्जित हो भाग जाते हैं।

    उधर संत जी नदी में स्नान कर रहे होते हैं तो क्या देखते हैं कि एक बिच्छू का बच्चा पानी में बह रहा है, संत जी बिच्छु के बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश करते हैं परंतु बिच्छू के बच्चा स्वभाव वश संत को डंक मारता है और जल में पुनः हाथ से गिर जाता है। यह प्रक्रिया तीन चार बार होते देख पास में स्नान कर रहे ग्रामीण, संत से बोलते हैं कि बाबा आपको बिच्छू का बच्चा डंक पे डंक मार रहा है और आप उसे बचाने पर तुले हैं..!!

    संत बड़ी ही सरलता से बोलते हैं कि यह बिच्छू का बच्चा होते हुए भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ रहा है तो हम मनुष्यों का स्वभाव क्यों छोड़े..!!

    हमें तो किसी असहाय प्राणियों की रक्षा करनी ही चाहिए और फिर कमंडल में पकड़ कर बिच्छू के बच्चे को बाहर निकाल ही लेते हैं।

    *शिक्षा:-*
    विषम परिस्थितियों में भी हमें अपना धैर्य नहीं खोकर कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए..!!

    *सदैव प्रसन्न रहिए – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
    *जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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  • 🍃🌾🌾*24 MAY 2025*

    *🦋 आज की प्रेरणा 🦋*

    अवसर का इंतज़ार करने वाले लोग साधारण होते हैं। असाधारण लोग तो अवसरों के जन्मदाता होते हैं।

    *आज से हम* अवसरों का इंतज़ार करने के बजाय उनका निर्माण करें…

    *💧 TODAY’S INSPIRATION 💧*

    Ordinary people wait for opportunities. Extraordinary people create opportunities!

    *TODAY ONWARDS LET’S* create opportunities instead of waiting for them.

    🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃💫🍃

  • Thanks

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